13 साल बाद लिया गया खूनी बदला, मां *की मौत का हिसाब बेटे ने खून से* *किया चुकता*

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**13 साल बाद लिया गया खूनी बदला, मां *की मौत का हिसाब बेटे ने खून से* *किया चुकता* 

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 *बरा मोहल्ला मंगठार में पत्थर से कुचलकर हत्या, उमरिया पुलिस ने 10 घंटे में सुलझाया मामला* 


 *उमरिया - राहुल शीतलानी* 


पाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बरा मोहल्ला मंगठार में शुक्रवार सुबह एक सनसनीखेज वारदात से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मोहल्ले के निवासी 45 वर्षीय मनोज पिल्ले पिता तुलसीधरण पिल्ले का शव उनके घर के पास खून से लथपथ अवस्था में मिला। सिर पर पत्थर से किए गए वार इस बात की गवाही दे रहे थे कि हत्या बेहद क्रूरता से की गई।


स्थानीय लोगों की सूचना पर पाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और अज्ञात आरोपी के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। प्रारंभिक जांच में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा, लेकिन तकनीकी साक्ष्य और मोहल्ले वालों से गहन पूछताछ के बाद इस हत्या का राज सामने आने लगा।


13 साल पुरानी रंजिश बनी हत्या की वजह


पुलिस पूछताछ में लेबर कॉलोनी मंगठार निवासी शिवेंद्र चतुर्वेदी ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि 13 वर्ष पूर्व उसकी मां कमला चतुर्वेदी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई थी। आरोप था कि मनोज पिल्ले ने ही उनके घर में आग लगाई थी, जिससे वह जिंदा जल गई थीं। उस वक्त केस मनोज पिल्ले जेल भी गया था, लेकिन शिवेंद्र के मन में प्रतिशोध की आग बुझी नहीं।


5 जून की रात वह अपने साथी प्रवीण नामदेव के साथ मिलकर मनोज की हत्या की योजना पर अमल में उतर आया। उन्होंने मनोज को शराब पीने के बहाने बुलाया और एक सुनसान स्थान पर ले जाकर पत्थर से सिर कुचलकर उसकी निर्मम हत्या कर दी।


शराब पार्टी बनी हत्या की पटकथा


रात करीब 9 बजे तीनों एक जगह इकट्ठा हुए और शराब पार्टी की। इसी दौरान शिवेंद्र ने पुरानी घटना को याद करते हुए मनोज पर हमला बोल दिया। प्रवीण ने भी उसका साथ दिया। हत्या के बाद दोनों फरार हो गए, लेकिन पुलिस की तत्परता से अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिए गए।


10 घंटे में खुली अंधी हत्या की गुत्थी


उमरिया पुलिस ने इस अंधी हत्या की गुत्थी महज 10 घंटे में सुलझाकर सराहनीय कार्य किया। पुलिस अधीक्षक उमरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं एसडीओपी पाली के निर्देशन में थाना प्रभारी निरीक्षक मदन लाल मरावी के नेतृत्व में टीम ने तकनीकी साक्ष्य, मोबाइल ट्रैकिंग और स्थानीय सूचनाओं के आधार पर आरोपियों को दबोच लिया।


टीम में उप निरीक्षक विजय कुमार सेन, एएसआई शशि कुमार द्विवेदी, प्रधान आरक्षक बेयन्त राने, आरक्षक रनवीर, सुखदेव, महेश साहू तथा महिला आरक्षक तनु द्विवेदी व स्वाती जैन की सक्रिय भूमिका रही।


आरोपियों को भेजा गया जेल


पुलिस ने शिवेंद्र और प्रवीण को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने इसे पुराने रंजिश से जुड़ी सोची-समझी हत्या करार दिया है।

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